Dua e Qunoot in Hindi |दुआ-ए-क़ुनूत

दुआ-ए-क़ुनूत : वो दुआ जो ईशा में वित्र की तीसरी रकात में पढ़ी जाती है. इस पोस्ट में आप दुआ-ए-क़ुनूत को हिंदी में तर्जुमा के साथ पढ़ सकते हैं

Dua e Qunoot in Hindi

Dua e Qunoot in hindi


Allah humma inna nasta-eenoka wa nastaghfiruka ❀ wa nu’minu bika wa natawakkalu alaika ❀ wa nusni alaikal khair ❀ wa nashkuruka wala nakfuruka ❀ wa nakhla-oo wa natruku mai yafjuruka ❀ Allah humma iyyaka na’budu wa laka nusalli wa nasjud wa ilaika nas aaa wa nahfizu ❀ wa narju rahma taka wa nakhshaa azaabaka ❀ inna azaabaka bil kuffari mulhik ❀

Dua e qunoot in Hindi

अल्ला हुम्मा इन्ना नस्ता ईनु क व नास्तगफिरुका ❀ व नु’अ मिनु बिका व नतावक्कलु अलाइका❀ वा नुस्नी अलैकल खैर ❀ व नशकुरुक वला नकफुरुका ❀ व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूक❀अल्ला हुम्मा इय्याका नअबुदु व लका नुसल्ली व नस्जुदु व इलैका नस्आव नहफिज़ु❀ व नरजू रहमतका व नख्शा अज़ाबका❀ इन्ना अज़ाबका बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़❀

Dua e qunoot in Arebic

اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ ❀ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ ❀ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ ❀ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ ❀ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ ❀ اَللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ ❀وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ ❀ وَنَرْجُو رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ ❀ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ

Dua E Qunoot Tarjuma In Hindi

दुआए क़ुनूत में हम अल्लाह से बरकत हदायत और ताक़त मांगते हैं .

दुआए का क़ुनूत तर्जुमा:ऐ अल्लाह, हम आप से मदद चाहते हैं ! और आप से माफी मांगते हैं ❀आप पर ही ईमान रखते हैं और आप पर भरोसा करते हैं ❀और आपकी बहुत अच्छी तारीफ करते हैं ❀और आपका शुक्र अदा करते हैं और आपकी ना सुकरी नहीं करते ❀और अलग करते हैं और छोड़ते हैं, उस शख्स को जो तेरी नाफरमानी करें।❀ ऐ अल्लाह, हम आपकी ही इबादत करते हैं❀ और आपके लिए ही नमाज़ पढ़ते हैं और सजदा करते हैं और आपकी तरफ दौड़ते और झपटते हैं ❀और आपकी रहमत के हकदार हैं और आपके आजाब़ से डरते हैं, ❀और बेशक आपका आजाब़ काफिरों को पहुंचने वाला है।❀

कब दुआ-ए-क़ुनूत को पढ़ना है

Dua e Qunoot को ईशा नमाज़ के बाद जब वित्र वाज़िब की तीसरी रकात में सूरह फातिहा और कोई सूरह पढ़ लेने के बाद दुआए क़ुनूत पढ़ना चाहिए इस का तरीका ये होगा के वित्र वाज़िब की तीसरी रकात में सूरह फातिहा और कोई सूरह पढ लेने के बाद दोनों हाथो को अल्लाहुअकबर कहते हुए कानों तक हाथ उठाना हैं फिर हाथ बाँध कर दुआए क़ुनूत पढनी है.

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