ayatul kursi in hindi
Ayatul kursi in hindi:आज हम आपको आयतुल कुर्सी को तर्जुमा और फ़ाज़िलत के साथ बतलाएंगे।
आयतुल कुर्सी क़ुरआन की सबसे अज़ीम तरीन आयत है, रसूल स.अ.व. ने इसको तमाम आयत से अफ़्ज़ल फ़रमाया है। रसूल स.अ.व. ने फ़रमाया कि जो शख़्स फ़र्ज़ नमाज़ के बाद आयतुल कुर्सी पढ़ ले, उसे जन्नत में जाने से कोई चीज़ रोक नहीं सकती, सिवाए मौत के।
Ayatul Kursi Hindi mein:
अल्लाहु ला इलाहा इल्ला हूवल हैयुल क़यूम;
ला ताख़ुजूहू सिनतुन व ला नव्म;
लहू मा फिस्समावाति व मा फिल अर्ज़;
मन ज़ल्लज़ी यश्फ़ा’उ इन्दहू इल्ला बे इज़्निह;
याअलमू मा बैना आइदेहिम व मा खल्फ़हुम;
व ला युहीतून बिशईई इम्मिन ‘इल्मिही इल्ला बि मा शा’;
वासिआ कुर्सीयुहुस समावाति वल अर्ज़;
व ला याउदुहू हिफ्ज़ुहुमा; व हूवल ‘अलीय्युल ‘अज़ीम।
Ayatul Kursi in Roman
Allahu laaa ilaaha illaa huwal haiyul qai-yoom;
laa taakhuzuhoo sinatunw wa laa nawm;
lahoo maa fissamaawaati wa maa fil arz;
man zallazee yashfa’u ‘indahooo illaa be iznih;
ya’lamu maa baina aideehim wa maa khalfahum;
wa laa yuheetoona beshai immin ‘ilmihee illa bi maa shaaa’;
wasi’a kursiyyuhus samaa waati wal arz;
wa la ya’ooduho hifzuhumaa; wa huwal ‘aliyyul ‘azeem
Ayatul kursi in Arebic
اللَّهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ هُوَ الْحَيُّ الْقَيُّومُ
لاَ تَأْخُذُهُ سِنَةٌ وَلاَ نَوْمٌ
لَهُ مَا فِي السَّمَاوَاتِ وَمَا فِي الأَرْضِ
مَنْ ذَا الَّذِي يَشْفَعُ عِنْدَهُ إِلاَّ بِإِذْنِهِ
يَعْلَمُ مَا بَيْنَ أَيْدِيهِمْ وَمَا خَلْفَهُمْ
وَلاَ يُحِيطُونَ بِشَيْءٍ مِنْ عِلْمِهِ إِلاَّ بِمَا شَاءَ
وَسِعَ كُرْسِيُّهُ السَّمَاواتِ وَالأَرْضَ
وَلاَ يَئُودُهُ حِفْظُهُمَا وَهُوَ الْعَلِيُّ الْعَظِيمُ
Ayatul kursi meaning in Hindi
अल्लाह जिसके सिवा कोई माबूद नहीं, वही हमेशा जिन्दा और बाक़ी रहने वाला है।
उसको ऊँघ नहीं आती और ना ही नींद।
जो कुछ आसमानों में है और जो कुछ ज़मीन में है, सब उसी का है।
कौन है जो बिना उसकी इजाज़त के उसकी सिफ़ारिश कर सके?
वो उसे भी जानता है जो मख़्लूक़ात के सामने है और उसे भी जो उनसे ओझल है।
बन्दे उसके इल्म का ज़रा भी इहता नहीं कर सकते सिवाये उन बातों के इल्म के जो ख़ुद अल्लाह देना चाहे।
उसकी हुकूमत की कुर्सी ज़मीन और आसमान को घेरे हुए है।
ज़मीनों और आसमानों की हिफ़ाज़त उसपर दुश्वर नहीं।
वह बहुत ही बड़ा और अज़ीम ज़ात है।
Ayatul kursi meaning in roman
Allah jisake siwa koi maabood nahin, wahi hamesha jinda aur baqi rehne wala hai.
Usko oongh nahi aati aur na hi neend.
Jo kuchh aasmanon mein hai aur jo kuchh zameen mein hai, sab usi ka hai.
Kaun hai jo bina uske ijazat ke uski sifarish kar sake?
Vo use bhi jaanata hai jo makhlooqat ke samne hai aur use bhi jo unse ojhal hai.
Bande uske ilm ka zara bhi ihata nahi kar sakte siwaye un baaton ke ilm ke jo khud Allah dena chahe.
Uski hukumat ki kursi zameen aur aasmaan ko ghere hue hai.
Zameenon aur aasmanon ki hifazat uspar dushwar nahi.
Vah bahut hi bada aur azeem zaat hai.
Ayatul Kursi ki fazilat
घर से निकलते समय, यदि कोई आयतुल कुर्सी एक बार पढ़ता है, तो अल्लाह के पास फ़रिश्तों का एक ग्रुप आता है और आपकी हिफ़ाज़त करता है। यदि दो बार पाठ किया जाता है, तो फ़रिश्तों के २ ग्रुप ऐसा करने के लिए नियुक्त किए जाते हैं। यदि तीन बार पाठ किया जाता है, तो अल्लाह फ़रिश्तों को चिंता न करने के लिए कहता है। अल्लाह ख़ुद उसकी हिफ़ाज़त करता है।
जो हर सुबह आयतुल कुर्सी पढ़ता है, वह रात तक अल्लाह की हिफ़ाज़त में रहेगा।
आयतुल कुर्सी पढ़ने से सारी परेशानियाँ दूर होती हैं और मन को सुकून मिलता है। इसलिए, हर कोई इस आयतुल कुर्सी को अपनी ज़िंदगी में शामिल करना चाहिए।
ये अल्लाह के ९९ नाम हैं, आपको एक बार इसको जरूर पढ़ना होगा।.
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